नमस्कार पाठकों!
कैसे है आप सभी? क्या आप सभी ने म्यूच्यूअल फण्ड में अपना निवेश शुरू कर दिया है या अभी भी निवेश की योजना बना रहे है? खैर, निवेश आपकी ज़रुरत है, और आप इसे कब और कैसे शुरू करना चाहते है, ये आपका फैसला|
म्यूच्यूअल फण्ड निवेश, एक प्रकार का सरल और आसान निवेश है, जिसके कई फायदे है, जैसे अच्छा मुनाफा, हर प्रकार के निवेशकर्ता के लिए उनके ज़रुरत के अनुसार फण्ड, जहाँ वे निवेश कर सके, कर में मुनाफा, और भी बहुत से, और ये म्यूच्यूअल फण्ड निवेश के फायदे ही है, जिसकी वजह से बीते कुछ समय में, म्यूच्यूअल फण्ड निवेश ने कई निवेशकर्ताओं को अपनी तरफ आकर्षित किया है|
बीते कुछ समय में म्यूच्यूअल फण्ड निवेश ने, निवेशकर्ताओं के बीच अच्छी लोकप्रियता हांसिल की है, और म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में सिप (SIP or Systematic Investment Plan) निवेश के प्रावधान के जुड़ने के बाद इसकी लोकप्रियता में इज़ाफ़ा ही देखने को मिला है|
गौर करने की बात ये है की, जितनी तेजी से म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशकर्ताओं की संख्या बढ़ रही है, उतनी ही तेजी से निवेशकर्ताओं द्वारा उनके निवेश में की गयी आम गलतियों में भी इजाफा देखने को मिला है|
निवेशकर्ता अक्सर, म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में किये गए मुनाफे की गणना से आकर्षित हो जाते है, और अपना निवेश शुरू कर देते है| निवेशकर्ता, म्यूच्यूअल फण्ड निवेश से जुडी अन्य ज़रूरी जानकारियों और निवेश से जुड़े जोखिमों के बारे में जानने की कोशिश भी नहीं करते है| यहां तक की वे ये भी भूल जाते है की निवेश में मुनाफे की गणना, केवल उदहारण मात्र है, और निवेश में ठीक ऐसा ही मुनाफा मिले, ये निश्चित नहीं है|
निवेशकर्ता, निवेश शुरू करने से पहले इन ज़रूरी चीज़ों को नज़रअंदाज़ कर देते है, जिसका नतीजा होता है, या तो उनका निवेश घाटे में चला जाता है, या तो फिर उतना मुनाफा नहीं मिल पता जितना उन्हें मिलना चाहिए|
निवेशकर्ता को हमेशा ही ये बताया जाता है की, म्यूच्यूअल फण्ड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, अपना निवेश शुरू करने से पहले स्कीम से जुडी सभी जानकरियों को ध्यान से पढ़े, पर फिर भी कुछ निवेशकर्ता इस बात को नज़रअंदाज़ कर देते है, और अपना निवेश शुरू कर देते है|
यदि आप भी एक निवेशकर्ता है, और आपने भी निवेश शुरू करते वक़्त ज़रूरी बातों को नज़रअंदाज़ कर दिया है, तो घबराये नहीं, आप अभी भी अपने निवेश को सही तरह से संचालित कर सकते है| हम, अपने ब्लॉग के ज़रिये आपको उन ज़रूरी और आम गलतियों के बारे में बता रहे है, जो निवेशकर्ता अक्सर अपने निवेश के साथ कर बैठते है | इस ब्लॉग को पढ़िए, ताकि आप अपने निवेश में उन आम गलतियों को करने से बचे| यदि आपने अब तक निवेश नहीं शुरू किया है, तो भी ये ब्लॉग आपके लिए फायदेमंद है, ताकि आप भविष्य में अपने निवेश के साथ कोई गलती न करे|
1.बिना लक्ष्य के निवेश करना (Investing without Investment Goal): हमेशा ही निवेशकर्ताओं को कहा जाता है, जब भी अपना निवेश शुरू करे, तो एक लक्ष्य के साथ शुरू करे, ताकि आप ये तय कर सके की आपको कितना निवेश करना है, कब तक निवेश करना है, और कहाँ निवेश करना है| बहुत से ऐसे लोग है जो इसीलिए निवेश नहीं करते, क्योंकि उन्हें अपने भविष्य के लक्ष्य के लिए बचत करना है, बल्कि इसीलिए निवेश करते है क्योंकि उनके दोस्त को निवेश से अच्छा मुनाफा मिल रहा है, क्योंकि उनका कोई रिश्तेदार निवेश से अच्छा कमा रहा है और भी कई| गौर करने की बात है, क्या निवेश शुरू करने के लिए ये ध्यान में रखना या जानकारी लेना ज़रूरी है की आपके दोस्त या रिश्तेदार, निवेश के कितना अर्जित कर रहे है| क्या आपके दोस्त या रिश्तेदार के निवेश के मुनाफे से आप अपने निवेश की रूपरेखा तय कर सकते है| ऐसा बिलकुल भी नहीं है, इसीलिए जब भी निवेश शुरू करे तो एक लक्ष्य के साथ शुरू करे|
2. मुनाफों पर ज़्यादा ध्यान देना और जख्मों को नज़रअंदाज़ करना (Focusing Too Much on Returns and Ignoring the Risk): निवेश शुरू करने के पीछे निवेशकर्ता की एक ही नियत होती है, मुनाफा कमाना, ताकि वह अपने भविष्य की योजना को सुरक्षित कर सके| कई बार ऐसा होता है की मुनाफा कमाने के चक्कर में, निवेशकर्ता अक्सर निवेश के जोखिमों को भूल जाते है, और इन जोखिमों को काम करने के लिए कोई कदम नहीं उठाते, जिसका नतीजा होता है, निवेश में घाटा या काम मुनाफा| इसीलिए जब भी निवेश करे, अपने मुनाफों से खुश होने के साथ, थोड़ा ध्यान अपने जोखिमों को काम करने के तरफ भी लगाए, ताकि आप ज़्यादा से ज़्यादा मुनाफा कमा सके|
3. सिप या एकमुश्त द्वारा मार्केट के मूल्य का अंदाज़ा लगाना (Timing the Market with SIP or Lump-Sum): कई निवेशकर्ता ऐसे भी होते है जो मार्केट के मूल्य पर अपनी नज़र रखते है, और जैसे ही मार्किट की वैल्यू कम होती है, या तो सिप या एकमुश्त के ज़रिये अपना निवेश शुरू कर देते है| निवेश की भाषा में इस प्रक्रिया को एक्टिव मैनेजमेंट (Active Management) कहा जाता है, यह प्रक्रिया बहुत ही कठिन होती है क्योंकि, इस प्रक्रिया के दौरान, निवेशकर्ता को मार्केट के मूल्य पर पैनी नज़र रखनी पड़ती है| पर आपको बता दे की ये प्रक्रिया हमेशा ही निवेशकर्ता के लिए लाभदायक साबित नहीं होती, और इसीलिए निवेशकर्ता के लिए ज़रूरी है की वह मार्केट के मूल्य पर नज़र रखने के बजाए अपने निवेश की अवधी पर ध्यान दे, ताकि वे अपने निवेश के जोखिमों को कम कर सके और ज़्यादा मुनाफा कमा सके|
4. हमेशा याद रखे, म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में धैर्य ही सफलता की कुंजी है (Do Not Forget ‘Patience’ Is the Key to Success in Mutual Funds): अक्सर ऐसा होता है, जब निवेशकर्ता अपने निवेश के विपरीत मुनाफों से डर जाते है, और मार्केट के ख़राब स्थिति में ही अपने फंड्स को बेच देते है, जिसका मुनाफा उन्हें बेहद कम मिलता है, और फिर वह अपने निवेश को ही कोसते है| इसीलिए निवेश की शुरुवात करने से पहले ही निवेशकर्ता को कहा जाता है, की वो सबसे पहले अपने जोखिम सहने की छमता को परख ले, और फिर उसी के आधार पर अपना निवेश शुरू करे, ताकि भविष्य में मार्केट के ख़राब परिश्थितियों से घबराने के बजाये वो अपना धैर्य बनाये रखे| मार्केट की स्थिति हमेशा सामान्य नहीं होती, ऐसा भी ज़रूरी नहीं होता की मार्केट की स्थिति हमेशा ही ख़राब रहे, निवेशकर्ता के लिए ज़रूरी है की वो अपना धैर्य बनाये रखे, ताकि उचित मुनाफा कमा सके|
5. मार्किट की ख़राब परिस्थिति में अपने फंड्स बेचना (Redeeming Your Funds in Bear Market): किसी भी निवेशकर्ता के लिए जितना ज़रूरी उनका निवेश होता है उतना ही ज़रूरी उनके लिए अपने फंड्स को उचित मूल्य में बेचना भी होता है, ताकि वे सही मुनाफा कमा सके| कई बार निवेशकर्ता अपने निवेश को सिर्फ इसीलिए बेच देते है क्योंकि उनका फण्ड अच्छा परफॉर्म नहीं करता है, जो की सही नहीं है| फण्ड का परफॉरमेंस मार्केट की स्थिति पर निर्भर करता है, जो की ऊपर-निचे हो सकता है| निवेशकर्ता के लिए ज़रूरी है की वे अपना धैर्य बनाये रखे| यदि निवेशकर्ता को लगता है की उनका फण्ड अच्छा मुनाफा नहीं दे रहा है, वैसी परिस्थिति में वे अपना निवेश बंद कर दे और मार्केट के सही होने का इंतज़ार करे, तभी अपना फण्ड बेचे ताकि अच्छा मुनाफा कमा सके|
6. विविधता सही है, पर अत्यधिक विविधता हानिकारक है (Diversification Is Good but Over-Diversification Is Not Good): म्यूच्यूअल फण्ड सलाहकारों के अनुसार, म्यूच्यूअल फण्ड पोर्टफोलियो में विविधता, निवेश के जोखिमों को काम करता है, पर सिर्फ तब जब विविधता सही तरीके से की जाये| अपने पोर्टफोलियो को में एसेट्स जोड़ते समय ध्यान रखे, एक ही तरह के एसेट्स जोड़ने से बचे, उसके बजाये अपने निवेश की रकम को सही तरीके से बनते और, और कुछ हिस्सा इक्विटी (Equity) फण्ड में निवेश करे और कुछ हिस्सा, डेब्ट (Debt) फण्ड में निवेश करे, ताकि आप दोनों ही फंड्स का लाभ ले सके, और अपने निवेश से जुड़े जोखिमों को भी काम कर सके|
ऊपर के शब्दों में हमने आपको उन गलतियों के बारे में बताया है, जो अक्सर निवेशकर्ता अपने निवेश के साथ कर बैठते ही| यदि निवेशकर्ता ऊपर दर्शाये गए किसी भी गलती को करते है, उस परिस्थिति में वे अपने निवेश को मुनाफे के बजाये घाटे की तरफ लेकर जाते है| इसीलिए निवेशकर्ता के लिए जरूरी है की वे इन गलतियों को करने से बचे, ताकि वे अपने निवेश को सही तरीके से संचालित करे, और उचित मुनाफा कमा सके|
अगर आप भी निवेशकर्ता है, या निवेश करने की योजना बना रहे है, अपने निवेश में इन गलतियों से बचे और सही तरह से निवेश करे| सबसे अहम् बात, अपने निवेश से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले, एक बार किसी फाइनेंसियल सलाहकार से बात करे और उसकी सलाह ले|
धन्यवाद!
*म्यूच्यूअल फण्ड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, अथवा स्कीम से सम्बंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़े|अनुछेद में दिए गए चित्र केवल उदहारण के पात्र है|