नमस्कार पाठकों!

कैसे है आप सभी? 

सालों की मेहनत, लगन, और पढ़ाई करने के बाद, आखिर में हमें हमारी मेहनत का परिणाम मिलता है, और मिलती है हमें हमारी पहली जॉब यानि की नौकरी| पहली नौकरी मिलने के बाद, ज़्यादातर लोग अपने सारे शौक पुरे करने की योजना बनाते है, नए और ब्रांडेड कपडे खरीदना, महंगे रेस्टोरेंट्स में खाना, दोस्तों के साथ बाहर छुट्टियों पर जाना और भी कई, परन्तु बहुत कम लोग ऐसे होते है, जो अपने खर्चों के साथ-साथ बचत और निवेश की भी योजना बनाते है| 

बहुत से ऐसे मेहनती लोग भी होते है, जिन्हे कम उम्र में ही उनकी पहली जॉब मिल जाती है, पर इनमे ज़्यादातर लोग, बचत और निवेश जैसी योजनाओ को महत्व नहीं देते है| ऐसा कहा जाता है, यदि कोई व्यक्ति कम उम्र में ही फाइनेंसियल प्लानिंग शुरू कर देता है, तो ऐसा माना जाता है की वो व्यक्ति अपने जीवन की आधी जंग ऐसे ही जीत गया|

कम उम्र में अपने खर्चों को नियंत्रित करना और एक उत्तम फाइनेंशियल प्लानिंग करना आसान नहीं होता, पर नामुमकिन भी नहीं होता, बस आपको कुछ चीज़ों का ध्यान रखना है, ताकि आप बेमतलब के खर्चों पर रोक लगा सके और, अपने बचत के पैसों को सही जगह निवेश कर सके, जो आगे जाकर आपके भविष्य के ज़रूरतों को पूरा कर सके| रखे इन बातों का ख्याल-

1. मासिक खर्चों की शुचि तैयार करे ताकि कोई बकाया न रह जाये- किसी भी व्यक्ति के महीने के हज़ार खर्चे होते है, जैसे राशन का खर्चा, बिजली का खर्चा, किराये के माकन का खर्चा, शादी-शुदा है तो बीवी का खर्चा, बचे है तो बचे का खर्च, दूधवाले का खर्च और भी कई सारे| इन सारे खर्चों को, लोग अपने मासिक सैलरी से पूरा करते है| बहुत बार ऐसा भी होता है की इंसान अपने दूसरे शौक को पूरा करने के लिए ज़रूरी खर्चों पर ध्यान नहीं देता, जिसका नतीजा होता है, उसके ऊपर उधार का चढ़ना| हमेशा एक बात का ध्यान रखे, आपके खर्चे कोई और नहीं देने वाला है, और आपका उधार भी आपको ही चुकाना है, और इसीलिए महीने के खर्चों की शुचि बनाये, और हमेशा कोशिश यहीं करे की पहले ज़रूरी खर्चों को पूरा करे, ऐसा करने से आप उधार जैसी चीज़ों से बचेंगे|

 

2. खर्चे और आमदनी के लिए अलग बैंक खाता रखें- हमेशा ही अपने खर्चे, निवेश और आमदनी के लिए अलग बैंक खाते रखें| खाते अलग-अलग रहने से आप अपने बेमतलब के खर्चों को कम कर सकते है| हमेशा 50-30-20 वाला फॉर्मूला अपनाएं, इसका मतलब अपने सैलरी का 50 प्रतिशत हिस्सा, अपने ज़रुरत के खर्चों के लिए करे, 30 प्रतिशत हिस्सा निवेश के लिए इस्तेमाल करें और 20 प्रतिशत हिस्सा अपने पास रखे, जो आपके अत्यंत ज़रूरतों को पूरा कर सके| कोशिश करे की सैलरी आने के साथ ही उन्हें हिस्सों में बाँट दीजिये और उनके अपने-अपने खतों में डाल दे, जैसे निवेश का हिस्सा निवेश के खाते में, और खर्च का हिस्सा खर्च के खाते में| अगर आप शुरू से ही ऐसा करने की आदत बना लेंगें तो आप ज्यादा फालतू के खर्चे भी नहीं करेंगे।


3.निवेश करना है ज़रूरी- हमारे कई ऐसे सपने और ज़रूरतें होती है, जो जरूरी भी है और जिनको पूरा करने के लिए हमें बड़े रकम की आवश्यकता होती है, जैसे घर खरीदना, बच्चों की ऊँच्चस्तर की पढ़ाई, निवृत्ति (Retirement) के बाद के खर्चे, गाड़ी खरीदना, बच्चों की शादी, और भी कई सारे| अक्सर लोग इन बड़े खर्चों के लिए या तो बचत करते है या फिर निवेश, लेकिन कई वित्तीय सलाहकारों का मानना है की इन फाइनेंसियल खर्चों के लिए, निवेश के ज़रिये पैसे इक्कठा करना ही सबसे कारीगर तरीका है| अब सवाल ये है की निवेश कहाँ करे जहाँ से अच्छा मुनाफा मिले? ज़्यादातर सलाहकारों का मानना है की म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना ही सबसे उत्तम माधयम है| 

यदि अपने अपनी छोटी सी उम्र में 3-4 महीने के बराबर पैसे बचा लिए है तो, कोशिश करे की इस बचत के पैसों को आप लिक्विड फंड में निवेश करें, फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश काने से बचे| लिक्विड फण्ड में आप काम अवधी के लिए अपने पैसे जमा करते है जहाँ आपको अच्छा मुनाफा भी मिलता है, और आप जब चाहे अपना पैसा वापस निकल सकते है| 

महीने की सैलरी का 30% हिस्सा जो अपने निवेश के लिए अलग रखा है, उसे आप इक्विटी फंड में निवेश कर सकते हैं। ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम) में आप अपनी कर बचत की जरूरतों के हिसाब से निवेश करें। इससे आपको कर में लाभ मिलता है और साथ ही लंबी अवधि के लिए समझदारी से बचत होती है।


4. क्रेडिट कार्ड्स और लोन से बचें- सबसे ज़रूरी और अहम् बात, क्रेडिट कार्ड और लोन से दुरी बनाये| हमेशा याद रखे, लोन या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करके आप  अपने ज़रूरतों को पूरा तो कर लेते है, लेकिन परेशानी तब आती है, जब आपको ये पैसे वापस करने होते वह भी समय पर नहीं तो आपको अपने उधार के पैसों पर ब्याज भी चुकाना पद सकता है| इसलिए क्रेडिट कार्ड का जब भी इस्तेमाल करे, कोशिश करे की लिए हुए पैसे समय पर बैंक को वापस कर सके| लोन लेने से बचने के लिए, शुरुवात से ही निवेश की योजना बनाये| 

ऊपर दिए गए बिंदु, को ध्यान में रखकर कोई भी व्यक्ति छोटे से उम्र से ही अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग अच्छे तरीके से कर सकता है| यदि आपकी भी नौकरी छोटे से उम्र में लग गयी है, तोह ज़रूरी है की आप भी अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग करे और अपनी ज़िन्दगी को आराम से व्यतीत कर सके| 


सबसे अहम् बात, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले एक बार, फाइनेंशियल प्लानर (Financial Planner) से अवश्य मिले| फाइनेंसियल प्लानर आपके निवेश की योजना को आपके ज़रुरत के अनुसार तैयार करते है| 

धन्यवाद!


*म्यूच्यूअल फण्ड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, अथवा स्कीम से सम्बंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़े|अनुछेद में दिए गए चित्र केवल उदहारण के पात्र है|