आपने कभी अगर म्यूच्यूअल फण्ड निवेश का प्रचार देखा होगा तो आपको याद होगा, प्रचार के अंत में कहा जाता है- 'म्यूच्यूअल फण्ड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है' और ये सच भी है, पर गौर करने की बात है की जोखिम शब्द किस प्रकार से म्यूच्यूअल फण्ड निवेश के साथ जुड़ा हुआ है, और किस हद तक निवेश के मुनाफों पर असर डालता है| 

'जोखिम' न जाने कितनी ही बार हमने यह शब्द सुना होगा, खासकर, जब हम कोई ऐसा काम शुरू करते है, जो हमारे परिवार के परंपरा और रीती से अलग होता है, काम शुरू करने से पहले परिवार के लोग हमें सचेत करते है और कहते है, 'बेटा ये काम मत करो, इसमें बहुत जोखिम है, तुम्हे नाकामी भी मिल सकती है, ये भी हो सकता है, की तम्हारे सारे पैसे डूब जाये'| सोचने की बात है, क्या हम परिवार के रोकने से रुकते है ? ज़्यादातर लोग, जोखिमों को परे रख कर उस काम को करते है, और उनके विश्वास और परिश्रम का सही नतीजा भी उन्हें मिलता है| हालाँकि इस नए सफर का रास्ता इतना आसान नहीं होता, हमें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, कई बार तो हमें मुँह की भी खानी पड़ती है, फिर भी हम उस रास्ते पर चलते है, और जोखिमों को अपनी ताकत बनाते है, और इसी क्रम में सफलता भी हांसिल करते है| 

जोखिम और म्यूच्यूअल फण्ड निवेश, रेल ट्रैक की दो पटरियों की तरह है, जो हमेशा एक साथ चलते है, एक न हो तो दूसरे की अहमियत भी कम हो जाती है, इसका मतलब हम निवेश और जोखिम की अलग-अलग कल्पना नहीं कर सकते| क्या आप जानते है, निवेश की भाषा में कहा जाता है- जितना ज़्यादा जोखिम, उतना ज़्यादा मुनाफा| 

निवेश में जोखिम, पूरी तरह से निवेश स्कीम और मार्केट के परफॉरमेंस पर निर्भर करता है | चलिए इस संदर्ह को एक उदहारण से समझते है| मान लीजिये रीमा,जो की एक अभियंता (Engineer)  है, उसने XYZ कंपनी के शेयर्स में निवेश किया, दुर्भाग्यपूर्ण, अगले पांच साल के बाद उस कंपनी का परफॉर्मन्स बेहतर नहीं रहा और उसके शेयर्स के दाम तेजी से नीचे चले गए | इस स्थिति में रीमा को भी उसके निवेश पर ज़्यादा मुनाफा नहीं मिला | पर इस गंभीर स्तिथि में भी रीमा ने स्थिरता दिखाई और अपना निवेश जारी रखा| 5 साल के बाद इसी XYZ कंपनी ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया जिसका नतीजा रहा, कंपनी के शेयर्स के दाम आसमान के ऊंचाइयों को छूने लगे | इस स्थिति में रीमा ने जब अपने फंड्स बेचे तो उसे अपने निवेश पर अच्छा मुनाफा मिला| 

और इसी तरह, रीमा ने अपने धैर्य से अपने निवेश से जुड़े जोखिम को अपने फायदे में बदल दिया| 

निवेश से जुड़े जोखिम, निवेशकर्ता को नुकसान की और नहीं ले जाते, बल्कि सही तरह से किया गया निवेश, इन जोखिमों को भी फायदे में बदल सकता है| 

आइये जानते है, निवेश से जुड़े हर प्रकार के जोखिमों को:

1. कंसंट्रेशन जोखिम (Concentration Risk) - आपने, अपने पेरेंट्स और शिक्षक से अक्सर सुना होगा, 'अपने जीवन का एक लक्ष्य बनाओ और उसपर केंद्रित रहो, तब जाकर तम्हे सफलता मिलेगी', पर ये सलाह सिर्फ जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उचित है, निवेश के सन्दर्भ में केंद्रित रहना, निवेशकर्ता के लिए हानिकारक हो सकता है| निवेशकर्ता को हमेशा ही ये सलाह दिया जाता है, की वो अपने पोर्टफोलियो को हमेशा बढ़ाते रहे, इसका मतलब की कभी भी किसी एक स्कीम में निवेश न करे, कम से कम 3 या 4 स्कीम में निवेश अवश्य करे, ताकि अगर कोई एक स्कीम अच्छा पैरफोर्म न करें, तो भी आपको दूसरे स्कीम से अच्छा मुनाफा मिल सके | 

2. अर्जेंसी जोखिम(Urgency Risk)- जीवन में कभी ऐसी भी परिस्थिति आ जाती है जहाँ हमें पैसे की बहुत ज़रुरत होती है, पर हमारे पास पैसे होते नहीं है| ऐसे में निवेशकर्ता, अपने फंड्स को बेचकर अपनी ज़रुरत को पूरा करते है| मुसीबत तो तब होती है, जब निवेशकर्ता को अपने फण्ड का खरीददार तो मिल जाता है, पर मार्केट में एसेट की वैल्यू कम होने की वजह से सही रकम नहीं मिल पाता है| इसी परिस्थिति को अर्जेन्सी रिस्क कहा जाता है| इस तरह के जोखिम से बचने के लिए, निवेशकर्ता को ज़रूरी है की वो अपना पोर्टफोलियो बढ़ाएं| 

उदहारण के लिए मान लेते है, समीर जो की पेशे से एक कंपनी का मैनेजर है, उसने तीन अलग तरह के म्यूच्यूअल फण्ड स्कीम में निवेश किया| हाल ही में किसी कारणवश उसे अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा| समीर की परेशानी तब बढ़ जाती है, जब उसे पांच लाख रुपये की अत्यंत आवश्यकता आन पड़ती है, क्योंकि उसे अपने बेटे का दाखिला इंजिनीरिंग कॉलेज में करवाना है| अपने पैसो की ज़रुरत को पूरा करने के लिए समीर अपने फण्ड को बेचने का फैसला लेता है, पर फण्ड की मार्केट वैल्यू काम होने की वजह से उसे ज़्यादा रकम नहीं मिलते है, फिर भी समीर निश्चिन्त है क्योंकि उसके पास दो और भी फंड्स है, जिनसे वो अपनी ज़रूरतें पूरी कर सकता है| 

3. लिक्विडिटी जोखिम (Liquidity Risk)- किसी भी म्यूच्यूअल फण्ड स्किम में आप कितनी आसानी से निवेश कर सकते है, और कितनी आसानी से उस स्किम को बेच सकते है, म्यूच्यूअल फण्ड की भाषा में इसे ही लिक्विडिटी कहा जाता है, और इससे जुड़े जोखिमों को लिक्विडिटी रिस्क| इस जोखिम से बचने के लिए निवेशकर्ता को चाहिए की वो ऐसे स्किम में ही निवेश करे जो की स्वभाव से लिक्विड हो, ताकि अर्जेन्सी के समय, वह आसानी से अपने फंड्स को बेच सके| 

4.मार्केट जोखिम (Market Risk) - मार्केट का परफॉरमेंस या मार्केट की वैल्यू, ये दो चीज़ें कभी भी स्थिर नहीं होती| कभी ऐसा होता है की मार्किट की परफॉरमेंस इतनी अच्छी होती है, की उसकी वैल्यू आसमान के पार पहुँच जाती है, तो कभी इतनी ख़राब होती है की, उसकी वैल्यू ज़मीन को छू देती है| बहुत से निवेशकर्ता ऐसे भी होते है जो मार्केट के ख़राब परफॉरमेंस से डर जाते है और इस स्थिति में अपने फंड्स को बेचने का फैसला ले लेते है, जिसका नतीजा होता है, कम मुनाफा| मार्केट की स्थिति जब निवेश के विपरीत हो, ऐसे में निवेशकर्ता को चाहिए की वह अपना धैर्य बनाये रखे, ज़रूरी नहीं की आज मार्केट की वैल्यू कम है तो कल भी कम ही होगी, हो सकता है की कल मार्केट की वैल्यू ऊपर उठ जाये, और निवेशकर्ता को उनके निवेश पर अच्छा मुनाफा मिले| इसीलिए जब मार्केट की वैल्यू या मार्केट का प्रदर्शन अच्छा न हो तो घबराये नहीं, धैर्य रखे, और अपना निवेश जारी रखे| 

5. ब्याज दर जोखिम (Interest risk) - यह जोखिम एक तरह का अस्थायी जोखिम है, जो की मार्किट में ब्याज दर के उतार चढ़ाव के चलते उत्पन्न होता है| उदहारण के लिए मान लेते है की एक फण्ड ने ABC Ltd. कंपनी को 8% ब्याज दर के हिसाब से पैसे उधार दिए| आने वाले समय में मार्केट की वैल्यू में हुए बदलाव से ब्याज दर में भी बदलाव आये, यदि ब्याज दर में कमी आती है, उस परिस्थिति में उधार की रकम में बढ़ोतरी हो जाएगी, और यदि ब्याज दर में बढ़ोतरी होती है, तो उधार की रकम में कमी आ जाएगी| हालाँकि लोन के तय समय तक ये जोखिम अपने आप ही ख़त्म हो जाता है| 

6. क्रेडिट जोखिम (Credit Risk)- अक्सर ऐसा होता है, जब उधार लेने वाले, तय समय पर ब्याज की रकम अदा नहीं कर पाते है, और बिना पैसे दिया ही वो गायब भी हो जाते है, जिसके वजह से लेनदार की मुश्किलें बढ़ जाती है| कुछ ऐसा ही होता है म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में भी, जब निवेशकर्ता को निवेश 

जारीकर्ता, के तरफ से वादा की गयी राशि नहीं मिलती है| इसी परिस्थिति को क्रेडिट जोखिम कहा जाता है| 

अब तक में आप निवेश से जुड़े जोखिमों को समझ गए होंगे| सबसे अहम् बात ये है की सही तरीके से किया गया निवेश इन जोखिमों को भी फायदे में बदल सकता है| किसी भी सन्दर्भ में आप बिना जोखिम के सफलता की कल्पना नहीं कर सकते है,यहाँ तक की ये जोखिम ही होते है जो आपकी सफलता तय करते है, या कह सकते है, की आपके निवेश पर मुनाफा तय करते है| अंत में कहना यही चाहेंगे, की जोखिमों से न डरे, सही तरीके से निवेश करें और जोखिमों को लाभ में बदलने की कोशिश करें, फिर आप खुद ही कहेंगे, म्यूच्यूअल फण्ड निवेश सही है|

धन्यवाद!


*म्यूच्यूअल फण्ड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, अथवा स्कीम से सम्बंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़े| अनुछेद में दिए गए जानकारी के आधार पर किये गए निवेश की जिम्मेवारी किसी भी प्रकार से लेखक की नहीं होगी |