नमस्कार पाठकों!

कैसे है आप सभी? 

निवेश, एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसके तहत निवेशकर्ता, एक अच्छी-खासी रकम संचय करते है, ताकि इन पैसों से वे अपने भविष्य के सपनों को जैसे, गाड़ी खरीदना, घर खरीदना, बच्चों को अच्छी शिक्षा देना, निवृत्ति (retirement) के लिए बचाना, आदि को साकार कर सके| रूपया निवेश करने के कई सारे साधन है, जैसे फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit), रेकरिंग डिपाजिट (Recurring Deposit), पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (Public Provident Fund), नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme), म्यूच्यूअल फण्ड निवेश आदि, जिसके तहत देश के कई लोग अपना रूपया निवेश कर रहे है, और अपने भविष्य के सपनो को सुरक्षित कर रहे है| 

एक तरफ जहाँ देश का एक बड़ा हिस्सा किसी न किसी माध्यम से रूपया निवेश कर रहा है, वहीँ दूसरी तरफ समाज में अभी भी कुछ लोग है जो निवेश की दुनिया से दूर भागते है और किसी भी माध्यम के ज़रिये निवेश नहीं करते है, ऐसा इसीलिए, क्योंकि उनके मुताबिक, निवेश करने से उनका पैसा एक निश्चित समय के लिए सुरक्षित हो जायेगा, जिसे वो अपने जरूरत के समय पर नहीं निकाल सकते है, और यदि वो अपने निवेश के रकम को उसके तय  निकालते है तो उन्हें दो परेशानियां झेलनी पड़ती है-

1. उन्हें दंड (penalty) राशि जमा करनी पड़ती है| 

2. उन्हें मुनाफा भी कम मिलता है| 

खैर, अगर आपके पास भी निवेश न करने की वजह, पैसों का सुरक्षित  (locked-up) होना है, तो मेरे ख्याल से आपको म्यूच्यूअल फण्ड निवेश के बारे में जानने की ज़रुरत है|   म्यूच्यूअल फण्ड, में निवेशकर्ताओं के पैसे निवेश किये जाते है, न की सुरक्षित (locked-up) रखा जाता है, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश गयी राशि का प्रबंधन (manage), प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर द्वारा किया जाता है| प्रोफेशनल फण्ड मैनेजर्स निवेश की गयी राशि को शेयर्स में निवेश करते है, ताकि   

निवेशकर्ता को उनके निवेश पर अच्छा मुनाफा मिल सके| 

निवेश के कई सरे माध्यम है, और हर माध्यम में निवेश की रकम को अलग-अलग प्रकार से रखा जाता है| चलिए नीचे के बिंदुओं से समझते है, निवेश के अलग-अलग माधयमों में, निवेश की रकम का प्रबंधन (मैनेजमेंट) किस प्रकार किया जाता है|  

1. फिक्स्ड डिपाजिट (Fixed Deposit)- फिक्स्ड डिपाजिट में निवेश की गयी रकम को एक तय अवधी के लिए सुरक्षित रखा जाता है, और निवेशकर्ता इस तय अवधी से पहले अपने रकम को नहीं निकल सकते| यदि निवेशकर्ता किसी आपातकालीन परिस्थिति में अपने पैसों को निकलना चाहता हो, ऐसे में निवेशकर्ता को पहले अपनी FD तोड़नी होती है, उसके साथ ही उन्हें तय अवधी से पहले रकम निकलने के लिए दंड राशि भी देनी होती है| यह दंड राशि, निवेश के प्रारम्भ में जमा की गयी रकम के आधार पर तय की जाती है| 

2. रेकरिंग डिपाजिट (Recurring Deposit)- रेकरिंग डिपाजिट में भी निवेश की गयी रकम को उसके तय अवधी तक सुरक्षित रखा जाता है| वैसे बैंक्स जो रेकरिंग डिपाजिट अकाउंट खोलने की सुविधा उपलब्ध कराते है, उसके साथ ही तय अवधी से पहले  निवेश की रकम को निकलने की सुविधा भी देते है , परन्तु दंड राशि के साथ, उसी के साथ मुनाफे की गणना भी, निवेशकर्ता के निवेश की अवधी पर तय की जाती है, न की निवेश की तय अवधी पर की जाती है |

3. पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड (Public Provident Fund)- पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड एक तरह का स्कीम है, जो निवेशकर्ता को उनके मुनाफे पर, कर (tax) में बचत की सुविधा देता है| पब्लिक प्रोविडेंट फण्ड में निवेश की रकम को 15 साल तक सुरक्षित रखा जाता है, जिसका मतलब है की निवेशकर्ता 15 साल से पहले अपने निवेश की रकम को नहीं निकल सकते | हालाँकि, पांच साल के बाद निवेशकर्ता अपने निवेश की रकम को निकाल सकता, लेकिन सिर्फ मेडिकल या आपातकालीन परिस्थितियों में| 

4. नेशनल पेंशन स्कीम (National Pension Scheme)- नेशनल पेंशन स्कीम, एक तरह का निवृत्ति का स्कीम है जो निवेशकर्ता को उनके मुनाफे पर, कर (tax) में बचत की सुविधा देता है, क्योंकि ये एक निवृत्ति स्कीम है इसलिए, निवेशकर्ता को अपने निवृर्ति के उम्र तक यानि की 60 साल तक निवेश करना होता है| हालाँकि इस निवेश में, तीन साल पुरे करने के बाद, निवेशकर्ता को 25% रकम निकलने की अनुमति दी जाती है, और निवृत्ति के बाद भी, निवेशकर्ता एक बार में निवेश की पूरी रकम नहीं निकल सकते, वे अपने निवेश का सिर्फ 40% हिस्सा ही निकल सकते है, और बाकि का 60% हिस्सा, उन्हें छोड़ना होता है, जो उन्हें मासिक मुनाफे के तौर पर मिलता है| 

5. म्यूच्यूअल फंड्स (Mutual Funds)- लम्बे समय की अवधी के निवेश के लिए म्यूच्यूअल फंड्स को सबसे बेहतरीन निवेश माना जाता है| म्यूच्यूअल फंड्स की खासियत ये है की, ये बेहद ही तरल स्वभाव का होता है, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करना जितना आसान है, उतना ही आसान म्यूच्यूअल फण्ड से पैसे भी निकलना है| म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशकर्ता के रकम को निवेश किया जाता है, न की सुरक्षित किया जाता है| म्यूच्यूअल फण्ड में जमा राशि को निवेशकर्ता कभी भी अपने ज़रुरत के लिए निकाल सकते है, और सबसे अहम् बात, इसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार की दंड राशि नहीं देनी पड़ती है| जब निवेशकर्ता अपने निवेश की रकम को निकालते है, तो उनके निवेश के मुनाफे की गणना, मार्केट के वर्तमान प्रदर्शन के अनुसार किया जाता है| 

अब तक में आप इतना तो समझ ही गए होंगे की, म्यूच्यूअल फण्ड निवेश में आपके निवेश की राशि को सुरक्षित तो रखा जाता है पर, उस लाकर की चाभी आपके हांथों में होती है| अपनी ज़रुरत के अनुसार आप कभी भी अपने निवेश की राशि को निकाल सकते है| इसीलिए, आज ही म्यूच्यूअल फण्ड द्वारा निवेश की योजना बनाये और अपने सपनों को सुरक्षित करे| 

सबसे अहम् बात, म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने से पहले एक बार, फाइनेंसियल प्लानर (Financial Planner) से अवश्य मिले| फाइनेंसियल प्लानर आपके निवेश की योजना को आपके ज़रुरत के अनुसार तैयार करते है| 


धन्यवाद!



*म्यूच्यूअल फण्ड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है, अथवा स्कीम से सम्बंधित सभी दस्तावेजों को ध्यान से पढ़े|अनुछेद में दिए गए चित्र केवल उदहारण के पात्र है|